Friday, June 19, 2009

bas me hi nahi warnaa hum ud ke chale aayen:(

This is a song "जो हम पे गुज़रती है"
from 'मोहब्बत इसको कहते हैं'.
Music by Khayyam, lyrics by Majrooh Sultanpuri
and sung beautifully by Suman Kalyanpur.
I love her voice, very peaceful!



जो हम पे गुज़रती है
तन्हा किसे समझाएं
तुम ही तो नहीं मिलते
जाएँ तो किधर जाएँ

समझा है ना समझेगा
इस गम को यहाँ कोई
बेदर्दों की बस्ती है
हमदर्द कहाँ कोई
जो सिर्फ तुम्हारा है
वो दिल किसे दिखलायें
वो दिल किसे दिखलायें
जो हम पे गुज़रती है
तन्हा किसे समझाएं

जब जान-ए-वफ़ा तेरी फुरकत ना सताएगी
वो सुबह कब आएगी वो शाम कब आयेगी
कब तक दिल-ऐ-नादान को हम वादों से बहलायें
हम वादों से बहलायें
तुम ही तो नहीं मिलते
जायें तो किधर जाएँ

आ जा कि मोहब्बत की मिटने को हैं तस्वीरें
पहरें हैं निगाहों पे और पाँव में जंजीरें
बस मैं ही नहीं वरना हम उड़ के चले आयें
हम उड़ के चले आयें
बस मैं ही नहीं वरना हम उड़ के चले आयें
हम उड़ के चले आयें

जो हम पे गुजरती हैं
तन्हा किसे समझाएं

No comments: